BHAGWAN BABU 'SHAJAR'
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लगा लो अपनी खिदमत में, कि इन जुल्फों को सवारूँ,
आप कह दो तो एक कली, इन बालों में सजा दूँ.
ये अल्हड सी हवा है जो, आँचल उड़ा देती है.
ये जहाँ देख न ले, चलिए छुप जाए, फिर पर्दा मैं लगा दूँ.
रखिये नज़रो को झुकाकर, यहाँ बहक न जाए कोई,
देखना जो जरुरी हो तो कहिये, नकाब तो गिरा दूँ.
रहिये चिलमन में और रखिये खुद को चराग तले,
अदा देख न ले चाँद कहीं, कहिये तो शमां बुझा दूँ.
आप है तो बीच में कोई, ख्वाब भी न आये,
छोटी रात में लम्बी सी कहानी, कहिये तो सुना दूँ.
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