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तुम्ही को चाहा है

BHAGWAN BABU 'SHAJAR'
BHAGWAN BABU 'SHAJAR'
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तुम्ही को देखा है, तुम्ही को चाहा है,
सर से पाँव तक तुम्ही को देखा, तुम्ही को चाहा है ।

एक आसमान है, लाखो है सितारे उस पे,
चाँद समझा है तुम्हें, तुम्ही को चाहा है ।

कोई नजारे जो देखे तुम्हें, डर लगता है,
हो न जाओ किसी के तुम, तुम्ही को चाहा है ।

तस्वीर बनाई जो तेरी, तो लगा तकदीर बनी,
नसीब माना है तुझे, तुम्ही को चाहा है ।

कहते हो – दूर जाऊँगा, जीऊँगा कैसे मैं,
जान मेरी है तू, तुम्ही को चाहा है ।

जिसे सुनना हो सुन ले, मेरे दिल की चाहत,
तुम्ही को चाहा है, तुम्ही को चाहा है ।

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