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ये कितना उचित है ?

BHAGWAN BABU 'SHAJAR'
BHAGWAN BABU 'SHAJAR'
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आज मेरे दो विद्यार्थियों ने मुझसे कहा कि सर मुझे एक वाद-विवाद प्रतियोगिता मे हिस्सा लेना है जिसमे 3 मिनट और 30 सेकेण्ड तक बोलना है और विषय है “सांसदो के मूल वेतन मे 300% की वृद्धि (1) पक्ष मे (2) विपक्ष में तो मैने आज ये पक्ष में लिखा है, मैं आप लोगों से ये जानना चाहता हूँ कि ये कितना उचित और सही है-

सांसदो के मूल वेतन मे 300% की वृद्धि के पक्ष मे

संसद में सांसदों के मूल वेतन में 300% की वृद्धि का मामला आजकल जोडो पर है। लोगों का कहना है कि इनके मूल वेतन में जो वृद्धि हो रही है वो नाजायज है, नही होना चाहिये था। मैंने तो लोगों को यहाँ तक कह्ते सुना है कि ये सांसद करते क्या है जो इन्हें इतना वेतन मिलना चाहिये। लेकिन मैं आज यहाँ साबित कर दूँगा कि इनके वेतन जो वृद्धि हुयी है वो उचित है, बिल्कुल उचित है।

हम एक छोटे से उदाहरण से शुरुआत करते है- एक मजदूर जो अपना और अपने परिवार का पेट पालने के लिये धूल, धूप, मिट्टी और बरसात की परवाह किये बिना, सारा दिन अपने लहू को पसीना और पसीने को पानी की तरह बहा देता है, तब कही जाकर उसे दो वक्त की रोटी नसीब होती है। ध्यान रखे कि इतना मेहनत वो सिर्फ एक परिवार को पालने के लिये करता है । इनके मेहनत की तुलना अगर आप किसी कंपनी के एयर-कंडीशन रुम के आरामदायक कुर्सी पर बैठे मैनेजर से करें तो आपको कहना पडेगा कि मैनेजर की तनख्वाह इस मजदूर के तनख्वाह की आधी होनी चाहिये, क्योंकि मैनेजर तो कुछ भी मेहनत नही करता। जबकी मैनेजर की तनख्वाह मजदूर की तुलना मे कई गुणा ज्यादा होती है। यहाँ मैनेजर की तनख्वाह इसलिये ज्यादा है कि वो कई सौ परिवार की जिम्मेदारी अपने सिर पर लिये घूमता है।

और सांसद कोई साधारण व्यक्ति नही होता, वो तो लाखों लोगों द्वारा चुना हुआ होता है। सांसद उन लाखो लोगों का प्रतिनिधि होता है जिनका काम उन लाखो लोगों की इच्छाएँ, जरुरतें, माँगे, सरकार तक पहुँचाना होता है, लाखो लोगों की निगाहे, उनका भरोसा, उनका विश्वास, उन सांसद पर टिका होता है। जिनकी माँगे अगर सरकार मान ले तो उन लाखो लोगों का उद्धार हो सकता है, उनका जीवन आसान हो सकता है, उनके जीवन में खुशियाँ आ सकती है। और इन लाखो लोगों की जिम्मेदारी को लेकर चलना आसान नही होता। आपसे तो अपने दो बच्चो वाले परिवार की जिम्मेदारी नही ढोयी जाती और ये सांसद लाखो लोगों की जिम्मेदारी कैसे ढोते होगे, आप सोच सकते है। इनका वेतन तो हमारे वेतन से लाखो गुणा ज्यादा होना चाहिय। इन्हे सरकार द्वारा और भी बहुत तरह की सुविधाएँ दी जानी चाहिये जैसे- इनकी सुरक्षा, घर, पानी, बिजली, फोन, यात्रा और भी नई-नई तकनीक से सुसज्जित सामान । लेकिन बदकिस्मती से इस लाखो लोगों के भगवान को आज विश्व के किसी भी देश के सांसदो से कम वेतन और सुविधाएँ दी जाती है। और आज अगर ये सांसद अपनी जरुरतें सरकार से बता रहे है, मांग रहे है, या सरकार इस पर अमल करने की सोच भी रही है, या सरकार ने इस पर अमल करने का फैसला कर भी लिया है तो इसमे आपको कुछ गलत नही लगना चाहिये ।

इन सांसदो को भरपूर वेतन और सुविधाएँ मिलनी ही चाहिये, जिससे की वो अपने परिवार और जरुरतो के बारे मे बिना किसी तनाव के रहे, और इन लाखो लोगों के बारे में ईमानदारी से सोचे, और सरकार द्वारा सुविधाएँ दिलवाये। इनकी सुरक्षा व्यवस्था भी पुख्ता होनी चाहिये, जिससे ये बिना किसी भय और पक्षपात किये जनता और देश के हित की सोचे और करें ।

जय हिंद!!!

बाकी आपके हाथ में ——————-

आगे विपक्ष मे भी लिखने की कोशिश करुँगा, बस आपकी हिम्मत और सलाह चाहिये ——–

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