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मोदी ही मोदी

BHAGWAN BABU 'SHAJAR'
BHAGWAN BABU 'SHAJAR'
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2014 मे लोकसभा के आम चुनाव के चलते चारो तरफ राजनीतिक गहमा-गहमी बहुत तेज होती जा रही है… । एक-दूसरे पर छींटाकशी, आरोप-प्रत्यारोप तो पहले भी चलते रहे है.. पर अब आजकल एक नया चलन शुरू हो गया है. वो है अपशब्द । नेता आपस मे स्कूली बच्चो की तरह एक-दूसरे को कुछ भी कहने से नही चूकते चाहे वो संसद के अन्दर हो या बाहर .. । फिर उसके बाद माफी माँगने और मँगवाने का दौर चलता है… कभी-कभी पद से हटाने के लिये समर्थन वापस लिये जाने की धमकी भी दी जाती है…। दल-बदलू नेता और इनके चालबाजी तेवरो को अब धीरे-धीरे जनता पहचानने लगी है.. ।


कुछ भी हो आज सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, हर तरफ जो राजनीती या कूटनीति का खेल, चुनाव जीतने या हराने का चल रहा है.. वो गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के इर्द-गिर्द मालूम होता है.. । चाहे वो संप्रग के नेता हो या राजग के, कोई भी अगर कही खड़ा हो जाये भाषण देने, किसी सम्मेलन मे- चाहे वो चुनावी सम्मेलन हो या गैर चुनावी, मोदी के पक्ष या विपक्ष मे बोलने से चूकते नही.. । ऐसा लगता है कि चारो और “ॐ मोदीमाय नमः” का हवन हो रहा हो.. ।
तात्कालिन सत्ता पक्ष के नेता अपने किए की शर्मिन्दगी को छुपाने के लिये मोदी को गलत साबित करने मे लगे है.. जैसे मोदी ही चुनावी मुद्दा हो…. मोदी को वो गुजरात मे हुए दंगो का अपराधी बताते है.. कितनी बेतुकी बातें करते है, साम्प्रदायिक बातो को और भी हवा देते है.. तुल देते है, और नेताओ का ये पुराना धन्धा है, सीख लिया है अंग्रेजो से- तब था “फूट डालो शासन करो” और आज भी नेता यही नीति अपना रहे है “जातिवाद करो, दंगे करवाओ और शासन करो” । अगर मोदी दंगे के अपराधी होते तो गुजरात मे ही इनको हर वर्ग का इतना समर्थन कैसे मिलता..? अब ऐसा भी नही है कि केवल संप्रग के नेता ही मोदी के खिलाफ है.. । राजग के घटक दल के नेता भी मोदी के “मोदीमाय नमः” से विचलित है.. मोदी के इस हवा को अपनी हवा बनाने के लिये उन्हे अपने किये कार्य को गिनाना पड़ रहा है.. ।


राजग के महत्वपूर्ण घटक जदयू के वरिष्ठ नेता व बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार अपने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक मे कहते है.. कि “सिर्फ हवा बनाने से इस देश मे कुछ नही होगा. बिहार कोई समन्दर के किनारे नही जहाँ आसानी से तिजारत हो.. देखने वाली बात ये है कि किसने किन परिस्थितियों मे अपना काम किया…. हमने बिहार मे शून्य से शुरूआत की है.. और विकास की गाड़ी को पटरी पर लाया है.. इसके लिये हमने सभी वर्गो को महत्व दिया.. ….. .. देश की जनता अनपढ़ हो सकती है पर अक्लमन्द है.. देश को चलाने के लिए अटल जी जैसे सोच की जरूरत है… फिर उन्होने प्यार, मोहब्ब्त, भाईचारे और गले लगाकर देश को चलाने की बात कही…” । एक तरफ जद्यू, मोदी के कार्य को ज्यादा महत्वपूर्ण न मानते हुए मोदी का विरोध कर रही है वही अटल जी का नाम लेकर राजग से जुड़े रहना चाहती है.. ।


हालाकि नीतीश कुमार ने देश को चलाने की अच्छी बात की है लेकिन अपने ही गठ्बन्धन के अन्दर अपने लोगो के खिलाफ खड़े होकर किए गये मतभेद से उन्हे 2014 के चुनावो पर क्या लाभ मिलेगा ये तो आने वाला वक़्त ही बतायेगा। आज नीतीश कुमार अगर ये सोच रहे है कि बिहार मे उनकी हवा है… तो शायद वो ये भूल रहे है कि बिहार मे भी उन्हे भाजपा की वजह से वोट दिया गया था पहले चुनाव मे। आज ये भी मोदी की तरह पार्टी के अन्दर अपनी अहमियत बताने के लिये मोदी का ही सहारा ले रहे है…


आज चारो तरफ भले ही मोदी ही मोदी हो रहा हो लेकिन जनता को इस पचड़े मे नही पड़्ना … जनता ये चाहती है कि देश मे अगर राजनीति हो, अगर कोई प्रधानमंत्री हो तो देश के लिये हो, देश की जनता के हित के लिये हो… लेकिन आज कोई भी नेता इस बारे मे सोचने के वजाय मोदी के पीछे पड़ा हुआ है… ऐसा लगता है इन मोदी की राजनीति के चक्कड़ मे, फिर से जनता की आवाज को, जनता की जरूरतों को हवा मे उड़ा दिया जाएगा। और फिर से वही दिन होंगे, वही समस्या होगी… और नेताओ की वही चुप्पी …


अभी समय है आपस में मंथन करने का.. सभी दलो का.. सभी नेताओ का… और साथ-साथ जनता भी मंथन करे फिर फैसला ले…

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