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लोग (भाजपा वाले) कहते रहे कि मोदी की लहर है, मोदी की आँधी है। लेकिन मुझे लगता है कि ये लहर काँग्रेस की थी, ये आँधी मनमोहन सरकार की थी जो अपनी ही आँधी में लुट-पिट गई। इस आँधी को इकट्ठा करके संजो कर रखने में मनमोहन सरकार ने पिछले दस साल लगा दिए। आँधी का वो गुबार आज फूट गया जिसके वेग में काँग्रेस व मनमोहन सरकार अपनी-अपनी पूँछ बचाकर निकलती दिखाई दी, बाकी सब बह गया, सब ढह गया।
अजब चाल थी काँग्रेस की जिसने अपनी गलतियों को सुधारने के बजाय मोदी पर अनाप-शनाप बकते हुए समय गवाँ दिए। यहाँ तक कहा सबने कि मोदी अगर प्रधानमंत्री बन गये तो देश में साम्प्रदायिक दंगे होंगे। ये उन्ही लोगो ने कहा जो साम्प्रदायिक बातें करके लोगो को लड़ाते रहे है। ये भी कहा गया कि मोदी देश के लिए खतरा है अगर वो प्रधान मंत्री बने तो अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा । ये भी उन्ही लोगो ने कहा जिस पर इस देश के अर्थव्यवस्था को सुधारने का जिम्मा सौपा गया था। और आज तक वो जनता को अर्थव्यवस्था की परिभाषा भी नही बता पाये।
अपनी काबिलियत और काँग्रेस की आँधियों की मदद से आज मोदी की सरकार बनने जा रही है। हम मोदी और उनके साथियों को मुबारकवाद यह कहते हुए देते है कि जनता ने जिस भरोसे पर मोदी पर भरोसा जताया है, उन भरोसो पर खरा उतरना मोदी सरकार के लिए आसान नही है, लेकिन असम्भव भी नही। जनता इस उम्मीद से मोदी को चुना है कि देश में फैल रहे भ्रष्टाचार, महंगाई और विदेशों में भारतीयों की बिगड़ी छवि जैसे आँधियों को रोकने की कोशिश करेंगे। यह जीत भारतीय जनता पार्टी की नही अपितु नरेन्द्र मोदी की कही जा सकती है क्योंकि लोगो ने वोट मोदी को दिया है भारतीय जनता पार्टी को नही, लोगो ने अपने क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारो को नहीं अपितु प्रधानमंत्री बनने के लिए मोदी को वोट दिया है। अपने देश की बिगड़ती हालत को सुधारने के लिए वोट दिया है। गुजरात में हो रहे विकास को देखकर पूरे देश में हो रहे विकास का सपना देखकर मोदी को वोट दिया है। यह राह मोदी के आसान नही है, अब देखना है कि मोदी अपना विकास पुरूष का तमगा लगाये रखते है या सभी नेताओ की तरह जनता की अवहेलना करके भ्रष्टाचारियो की भीड़ में गुम हो जाते है।
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